ताजमहल भारत के आगरा शहर में स्थित एक भव्य स्मारक है, जिसे मुगल सम्राट शाहजहाँ ने अपनी पत्नी मुमताज़ महल की याद में बनवाया था। यह सफेद संगमरमर से निर्मित एक अद्भुत कृति है और इसे प्रेम का प्रतीक माना जाता है। ताजमहल को 1632 में बनाना शुरू किया गया था और.....

दक्षिण भारत में शिवपूजा का व्यापक प्रचार प्रसार हुआ। पल्लव काल में शैव धर्म का प्रचार-प्रसार नयनारों द्वारा किया गया। नयनार सन्तों की संख्या 63 बतायी गयी है जिनमें अप्पार, तिरुज्ञान, सम्बन्दर, सुन्दरमूर्ति, मणिक्कवाचगर आदि के नाम उल्लेखनीय है। इनके भक्तिगीतों को एक साथ देवालय में संकलित किया गया। इनमें अप्पार जिसका दूसरा नाम तिरुनोबुक्करशु भी मिलता है, पल्लव नरेश महेन्द्र वर्मन प्रथम का समकालीन था। उसका जन्म तिरुगमूर के बेल्लाल परिवार में हुआ था। बताया जाता है कि पहले वह एक जैन मठ में रहते हुए भिक्षु जीवन व्यतीत करता था। बाद में शिव की कृपा से उसका एक असाध्य रोग ठीक हो गया जिसके फलस्वरूप जैन मत का परित्याग कर वह, निष्ठावान शैव बन गया। अप्पार ने दास भाव से शिव की भक्ति की तथा उसका प्रचार जनसाधारण में किया।
~ 06 Jun, 2024