Indian history gk topics, articles in hindi

भारत का इतिहास

सीद्दी मौला का विद्रोह

 यह जलालुद्दीन खिलजी के समय छज्जू के विद्रोह के दमन व रणथम्भौर अभियान के मध्य काल की घटना (1290-91) है।

बरनी, जो सीद्दी मौला के वध को 'अन्यायपूर्ण हत्या' बताता है, "मौला के कुचले जाने के दिन ऐसा भयंकर तूफान आया कि संसार में अंधेरा छा गया और इसके बाद भीषण.....

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सीद्दी मौला का विद्रोह

गदर पार्टी

स्थापनाः 1 नवंबर, 1913 ई. को अमेरिका के सेन फ्रांसिस्को नगर में

संस्थापकः लाला

स्थापनाः 1 नवंबर, 1913 ई. को अमेरिका के सेन फ्रांसिस्को नगर में

संस्थापकः लाला हरदयाल

अध्यक्षः सोहन सिंह

प्रचार-विभाग के सचिवः लाला हरदयाल

सहयोगी सदस्यः रामचंद्र, बरकतुल्ला, रास बिहारी बोस, राजा महेन्द्र प्रताप, अब्दुल रहमान एवं मैडम भीकाजी कामा।

नोट.....

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गदर पार्टी

महाशिलाकंटाक, रथमुसल प्राचीन भारत के अस्त्र


 "रथमुसल" युद्ध हथियार चित्र -1 

 "महाशिलाकंटाक" युद्ध हथियार  चित्र - 2 

लगभग २५०० सालो पहले भारत की धरती पर सम्राट  अजातशत्रु और वज्जि साम्राज्य के बीच गंगा के किनारे मिलने वाले मूल्यवान हीरे ,मोतियो ओर सोने के खनन के लिए भयानक युद्ध हुआ, वज्जि साम्राज्य और.....

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महाशिलाकंटाक, रथमुसल प्राचीन भारत के अस्त्र

गान्धार कला की विशेषताएं

गान्धार-शैली की विशेषताऐं -

1 . गान्धार-शैली, शैली की दृष्टि से विदेशी होते हुए भी इसकी आत्मा भारतीय है। इस शैली का प्रमुख लेख्य विषय भगवान् बुद्ध तथा बोधिसत्व हैं।


2. गान्धार-शैली की आत्मा भारतीय होते हुए भी इस पर यूनानी (Hellenistic) प्रभाव स्पष्ट परिलक्षित होता है। इसीलिए गौतम बुद्ध की अधिकांश.....

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गान्धार कला की विशेषताएं

मथुरा कला शैली की विशेषताएं

इस शैली का विकास कुषाण शासक कनिष्क के समय उत्तर भारत में हुआ

मथुरा-कला में बौद्ध धर्म से सम्बन्ध रखने वाली हजारों मूर्तियों का निर्माण हुआ । मथुरा-शैली की अपनी कुछ विशेषताएँ हैं, जिन्हें संक्षेप में हम इस प्रकार देख सकते हैं-

(1) मथुरा-शैली में लाल पत्थर का प्रयोग किया गया है।.....

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मथुरा  कला शैली की विशेषताएं

कालिदास की प्रमुख रचनाएँ

प्रथम ई. पू. के महान कवि एवं नाटककार महाकवि कालिदास का जन्म स्थान उज्जैन माना जाता है, परम्पराओं के अनुसार उनको उज्जयिनी के राजा विक्रमादित्य के समकालीन माना जाता है परन्तु विद्वान ना तो उनके जन्मस्थान पर एकमत है और ना ही जन्मकाल को लेकर एकमत है परन्तु उन्होंने उच्च कोटि.....

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कालिदास की प्रमुख रचनाएँ

पाकिस्तान की एक पृथक राष्ट्र के रूप में माँग

23 मार्च, 1940 ई. को मुस्लिम लीग का अधिवेशन  लाहौर में हुआ। इसकी अध्यक्षता मु. अली जिन्ना ने की। इस अधिवेशन में भारत से अलग एक मुस्लिम राष्ट्र पाकिस्तान की मांग की गयी। जिन्ना ने अधिवेशन में भाषण देते हुए कहा कि वे एक अलग मुस्लिम राष्ट्र के अतिरिक्त और कुछ स्वीकार नहीं.....

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पाकिस्तान की एक पृथक राष्ट्र के रूप में माँग

नयनार कोन थे?

दक्षिण भारत में शिवपूजा का व्यापक प्रचार प्रसार हुआ। पल्लव काल में शैव धर्म का प्रचार-प्रसार नयनारों द्वारा किया गया। नयनार सन्तों की संख्या 63 बतायी गयी है जिनमें अप्पार, तिरुज्ञान, सम्बन्दर, सुन्दरमूर्ति, मणिक्कवाचगर आदि के नाम उल्लेखनीय है। इनके भक्तिगीतों को एक साथ देवालय में संकलित किया गया। इनमें.....

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नयनार कोन थे?

1842 का बुंदेला विद्रोह

8 अप्रैल, 1842 ई. को बुन्देलखण्ड में बुन्देला विद्रोह की भागीदारी अंकित है। जिसके नेतृत्वकर्ता नरहट के मधुकर शाह एवं गणशज, चन्द्रापुर के जवाहर सिंह, गुढ़ा के विक्रमजीत सिंह, चिरगांव के बखत सिंह, जाखलौन एवं पिपरिया के भुजबल सिंह व महीप सिंह, हीरापुर के राजा हिरदेशशाह, मदनपुर के डेलन सिंह.....

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1842 का बुंदेला विद्रोह

संन्यासी विद्रोह

  • बंगाल में 1770 ई. के अकाल व तीर्थ स्थलों की यात्रा पर लगे प्रतिबन्ध ने हिन्दू नागा व गिरि संन्यासियों को विद्रोह करने पर मजबूर किया।
  • यह संन्यासी शंकराचार्य के अनुयायी थे।
  • सन्यासी विद्रोह का नेतृत्व द्विजनारायण, केना सरकार ने किया था।
  • संन्यासियों ने बोगरा और मैमन सिंह में अपनी स्वतन्त्र सरकार बनाई।
  • बाद.....
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संन्यासी विद्रोह

भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947

माउन्टबेटेन योजना के आधार पर ब्रिटिश संसद द्वारा पारित भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 के प्रमुख प्रावधान निम्न थेः

(1) भारत तथा पाकिस्तान नामक दो डोमिनियनों की स्थापना के लिए 15 अगस्त, 1947 की तारीख निश्चित की गयी।

(2) इसमें भारत का क्षेत्रीय विभाजन भारत तथा पाकिस्तान के रूप में करने तथा बंगाल.....

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भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947

राजा राममोहन राय

• भारत के पुनर्जागरण के प्रणेता और एक अथक समाज सुधारक राजा राम मोहन राय का जन्म 22 मई, 1772 को बंगाल के राधानगर में हुआ था।

• इनकी प्रारंभिक शिक्षा फारसी और अरबी भाषा में पटना में हुई, जहाँ उन्होंने कुरान, सूफी रहस्यवादी कवियों के कार्य तथा प्लेटो और अरस्तू.....

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राजा राममोहन राय