Indian history gk topics, articles in hindi

भारत का इतिहास

स्थायी बन्दोबस्त: ब्रिटिश भारत की एक महत्वपूर्ण भू-राजस्व व्यवस्था

1793 ई. में लार्ड कार्नवालिस द्वारा लागू किया गया स्थायी बन्दोबस्त (Permanent Settlement) ब्रिटिश भारत की एक प्रमुख भू-राजस्व व्यवस्था थी। यह व्यवस्था मुख्य रूप से बंगाल, बिहार, उड़ीसा और वाराणसी (उत्तर प्रदेश) में लागू की गई थी। इसका उद्देश्य भू-राजस्व.....

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स्थायी बन्दोबस्त: ब्रिटिश भारत की एक महत्वपूर्ण भू-राजस्व व्यवस्था

गुरु नानक देव जी: जीवन, शिक्षाएँ और योगदान

परिचय

गुरु नानक देव जी (1469-1538 ई.) सिख धर्म के संस्थापक और पहले गुरु थे। उनका जन्म 15 अप्रैल 1469 को तलवंडी (वर्तमान ननकाना साहिब, पाकिस्तान) में हुआ था। वे अपने आध्यात्मिक संदेश और समाज सुधार के कार्यों के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्होंने धार्मिक भेदभाव का विरोध.....

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गुरु नानक देव जी: जीवन, शिक्षाएँ और योगदान

ताजमहल के अनसुने रहस्य: क्या आप जानते हैं?

ताजमहल भारत के आगरा शहर में स्थित एक भव्य स्मारक है, जिसे मुगल सम्राट शाहजहाँ ने अपनी पत्नी मुमताज़ महल की याद में बनवाया था। यह सफेद संगमरमर से निर्मित एक अद्भुत कृति है और इसे प्रेम का प्रतीक माना जाता है। ताजमहल को 1632 में बनाना शुरू किया गया था और.....

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ताजमहल के अनसुने रहस्य: क्या आप जानते हैं?

विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए इतिहास विषय से संबंधित महत्वपूर्ण किताबें

भारतीय इतिहास UPSC, SSC, बैंकिंग, रेलवे, NDA, CDS, UGC NET और अन्य सरकारी परीक्षाओं के लिए एक महत्वपूर्ण विषय है। सही किताबों का चयन आपकी सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

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विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए इतिहास विषय से संबंधित महत्वपूर्ण किताबें

बाण का हर्षचरित

वर्धन वंश के इतिहास का सर्व प्रमुख स्रोत 'हर्षचरित' है जो ऐतिहासिक विषय पर लिखित प्रथम 'चरित काव्य' तथा 'गद्यकाव्य' है। बाणभट्ट मूलतः प्रीतिकूट गांव के वात्स्यायन गोत्रीय तथा भृगुवंशी ब्राह्मणों से संबंधित था। उसने अपने भाइयों (मुख्यता श्यामल) की इच्छा पर 'हर्षचरित' नामक काव्य संग्रहित किया। जो सर्वदीपभुज महाराजाधिराज.....

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बाण का हर्षचरित

चैत / चेदि वंश

छठी सदी ईसा पूर्व में चेदि महाजनपद विद्यमान था, जिसमें संभवतः आधुनिक बुंदेलखंड तथा समीपवर्ती प्रदेश सम्मिलित थे। " चेतिय जातक " में इसकी राजधानी सोथीवती बताई गई है। महाभारत में इसी को शुक्तिमती कहा गया है। 

- कलिंग में चेदि राजवंश का उदय हुआ। इस वंश का सर्वाधिक विख्यात राजा.....

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चैत / चेदि वंश

सीद्दी मौला का विद्रोह

 यह जलालुद्दीन खिलजी के समय छज्जू के विद्रोह के दमन व रणथम्भौर अभियान के मध्य काल की घटना (1290-91) है।

बरनी, जो सीद्दी मौला के वध को 'अन्यायपूर्ण हत्या' बताता है, "मौला के कुचले जाने के दिन ऐसा भयंकर तूफान आया कि संसार में अंधेरा छा गया और इसके बाद भीषण.....

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सीद्दी मौला का विद्रोह

गदर पार्टी

स्थापनाः 1 नवंबर, 1913 ई. को अमेरिका के सेन फ्रांसिस्को नगर में

संस्थापकः लाला

स्थापनाः 1 नवंबर, 1913 ई. को अमेरिका के सेन फ्रांसिस्को नगर में

संस्थापकः लाला हरदयाल

अध्यक्षः सोहन सिंह

प्रचार-विभाग के सचिवः लाला हरदयाल

सहयोगी सदस्यः रामचंद्र, बरकतुल्ला, रास बिहारी बोस, राजा महेन्द्र प्रताप, अब्दुल रहमान एवं मैडम भीकाजी कामा।

नोट.....

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गदर पार्टी

महाशिलाकंटाक, रथमुसल प्राचीन भारत के अस्त्र


 "रथमुसल" युद्ध हथियार चित्र -1 

 "महाशिलाकंटाक" युद्ध हथियार  चित्र - 2 

लगभग २५०० सालो पहले भारत की धरती पर सम्राट  अजातशत्रु और वज्जि साम्राज्य के बीच गंगा के किनारे मिलने वाले मूल्यवान हीरे ,मोतियो ओर सोने के खनन के लिए भयानक युद्ध हुआ, वज्जि साम्राज्य और.....

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महाशिलाकंटाक, रथमुसल प्राचीन भारत के अस्त्र

गान्धार कला की विशेषताएं

गान्धार-शैली की विशेषताऐं -

1 . गान्धार-शैली, शैली की दृष्टि से विदेशी होते हुए भी इसकी आत्मा भारतीय है। इस शैली का प्रमुख लेख्य विषय भगवान् बुद्ध तथा बोधिसत्व हैं।


2. गान्धार-शैली की आत्मा भारतीय होते हुए भी इस पर यूनानी (Hellenistic) प्रभाव स्पष्ट परिलक्षित होता है। इसीलिए गौतम बुद्ध की अधिकांश.....

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गान्धार कला की विशेषताएं

मथुरा कला शैली की विशेषताएं

इस शैली का विकास कुषाण शासक कनिष्क के समय उत्तर भारत में हुआ

मथुरा-कला में बौद्ध धर्म से सम्बन्ध रखने वाली हजारों मूर्तियों का निर्माण हुआ । मथुरा-शैली की अपनी कुछ विशेषताएँ हैं, जिन्हें संक्षेप में हम इस प्रकार देख सकते हैं-

(1) मथुरा-शैली में लाल पत्थर का प्रयोग किया गया है।.....

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मथुरा  कला शैली की विशेषताएं

कालिदास की प्रमुख रचनाएँ

प्रथम ई. पू. के महान कवि एवं नाटककार महाकवि कालिदास का जन्म स्थान उज्जैन माना जाता है, परम्पराओं के अनुसार उनको उज्जयिनी के राजा विक्रमादित्य के समकालीन माना जाता है परन्तु विद्वान ना तो उनके जन्मस्थान पर एकमत है और ना ही जन्मकाल को लेकर एकमत है परन्तु उन्होंने उच्च कोटि.....

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कालिदास की प्रमुख रचनाएँ