Indian history gk topics, articles in hindi

भारत का इतिहास

भारत में प्राचीन मृदभाण्ड परंपराओं का इतिहास

प्राचीन मृदभाण्ड हमारे अतीत की झलकियां हैं। ये मिट्टी के बर्तन न केवल उस समय की संस्कृति और कला को दर्शाते हैं, बल्कि उस युग के लोगों की जीवनशैली और आर्थिक स्तर का भी संकेत देते हैं। भारत में विभिन्न प्रकार की मृदभाण्ड परंपराएं प्रचलित रही हैं, जिनका विकास क्रमिक.....

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भारत में प्राचीन मृदभाण्ड परंपराओं का इतिहास

इतिहास से जुडी प्रमुख्य शाखायें

  1.  एपीग्राफी (Epigraphy): यह प्राचीन शिलालेखों, अभिलेखों और पत्थरों पर खुदी लिखावटों का अध्ययन करने वाली शाखा है। इसका उद्देश्य प्राचीन समाजों के इतिहास, भाषा और संस्कृति को समझना है।
  2. न्यूमिस्मेटिक्स (Numismatics): यह सिक्कों, मुद्राओं और प्राचीन मुद्रा प्रणालियों का अध्ययन करने वाली शाखा है। इसके.....
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इतिहास से जुडी प्रमुख्य शाखायें

End of history- क्या है "इतिहास का अंत"

एंड ऑफ हिस्ट्री शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग फ्रांस की क्रांति से प्रभावित होकर हिगल ने किया गया, जिसके अनुसार जब नेपोलियन ने पर्शिया के शासक की हत्या की उसी वक्त इतिहास का अंत हो गया,इसके अनुसार फ्रांस की क्रांति एंड ऑफ हिस्ट्री है, जिस दिन स्वतंत्रता,समानता, बंधुता आधारित संवेधानिक राज्य.....

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End of history- क्या है

मुगलकाल में आये प्रमुख विदेशी यात्री

1. राल्फ फिच (1583-91 ई.): यह अकबर के समय में पहुँचने वाल अंग्रेज यात्री था। इसने फतेहपुर सीकरी एवं आगरा की तुलना लंदन से किया था।

2. कैप्टन हाकिन्स (1608-11 ई.): यह ईस्ट इंडिया कम्पनी के प्रतिनिधि के रूप में जहाँगीर के दरबार में पहुँचा। जहाँगीर ने इसे 400 का मनसब.....

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मुगलकाल में आये प्रमुख विदेशी यात्री

1857 की क्रांति- मंगल पाण्डेय

भारतीय स्वाधीनता संग्राम के इतिहास लेखन का सबसे दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण पहलू यह रहा कि बरतानिया सरकार के विरुद्ध जितने भी सशस्त्र स्वतंत्रता संग्राम हुए, उनको विद्रोह, गदर, लूट, डकैती और आतंकवाद की संज्ञा दे दी गई और बरतानिया  सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर शासन में सहभागिता कर.....

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1857 की क्रांति- मंगल पाण्डेय

पुलकेशिन द्वितीय का ऐहोल अभिलेख

स्थिति- बीजापुर (कर्नाटक) के मेगुती मंदिर की पश्चिमी दीवार पर 
भाषा- संस्कृत  
लेखक
- रविकीर्ति  
लिपि- दक्षिणी ब्राह्मी  
कुल पंक्तियां- 19  
कुल पद्य-37  
वर्ष- यह अभिलेख 634 ई. ( शक संवत् 556) में लिखा गया था।  

विशेष - (1) इसी लेख में कालिदास एवं भारवि का उल्लेख मिलता है ।

(2) इसी.....

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पुलकेशिन द्वितीय का ऐहोल अभिलेख

गौतम बुद्ध का जीवन परिचय एवं बौद्ध धर्म भाग -1

गौतम बुद्ध का परिचय - बौद्ध  धर्म  के प्रवर्तक महत्मा गौतम बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व नेपाल की तराई में स्थित कपिलवस्तु के लुंबिनी ग्राम में साल वृक्ष के नीचे शाक्य क्षत्रिय कुल में हुआ था उनके बचपन का नाम सिद्धार्थ था तथा गौतम गौत्र में जन्म लेने के कारण उन्हें.....

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गौतम बुद्ध का जीवन परिचय एवं बौद्ध धर्म भाग -1

कौटिल्य का अर्थशास्त्र एवं उससे सम्बंधित महत्वपूर्ण तथ्य

कौटिल्य का सामान्य परिचय- अर्थशास्त्र के रचयिता एवं महान राजनीतिक एवं अर्थशास्त्र में निपुण कौटिल्य के बचपन का नाम विष्णुगुप्त था उनके पिता का नाम चरण होने के कारण उनको  चाणक्य भी कहा जाता है।  हेमचंद्र कृत अभिधान चिंतामणि में चाणक्य के आठ नाम बताए गए है.....

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कौटिल्य  का अर्थशास्त्र एवं उससे सम्बंधित महत्वपूर्ण  तथ्य

मध्यकालीन भारतीय इतिहास को जानने के प्रमुख स्रोत

मध्यकालीन भारतीय इतिहास को जानने के  प्रमुख स्रोतों में फारसी, अरबी एवं संस्कृत की  विभिन्न पुस्तकों के अलावा विभिन्न देशों से  भारत की यात्रा पर आए विदेशी यात्रियों के विवरण का भी प्रयोग किया जाता है।  इन इतिहासकारों में से बहुत से इतिहासकारों ने सुल्तानों एवं राजाओं के संरक्षण में कार्य किया.....

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मध्यकालीन भारतीय इतिहास को जानने के प्रमुख स्रोत

सल्तनत काल में मुद्रा से महत्वपूर्ण तथ्य -संछिप्त

सल्तनत काल में विभिन्न सुल्तानो  द्वारा सोने चांदी एवं तांबे के सिक्कों का चलन किया गया  जिस  से  संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य संक्षिप्त में यहां दिए गए। 

  •  फिरोज तुगलक के सिक्को पर खानेजहां मकबूल ने लिखा कि "राजा के सिक्के एक कुंवारी पुत्री की तरह है जिसे.....
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सल्तनत काल में  मुद्रा से  महत्वपूर्ण तथ्य -संछिप्त

प्रमुख वायसराय एवं गवर्नर जनरल और उनसे द्वारा किये गए समाज सुधार

ब्रिटिश अधिकारियों द्वारा भारतीय समाज में व्याप्त बुराइयों एवं कुरीतियों को सुधारने के लिए समय-समय पर प्रयास  किये गए जो भारतीय समाज में व्याप्त कुरीतियों को खत्म करने के लिए मी ल का पत्थर साबित हुए इन समाज सुधारकों में विलियम बैंटिक, लॉर्ड एलनबरो एवं वारेन हेस्टिंग सर्व प्रमुख है.....

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प्रमुख वायसराय एवं गवर्नर जनरल और उनसे द्वारा किये गए समाज सुधार

सिंध से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य

सिधं  वर्तमान पाकिस्तान में राजस्थान से सटा हुआ प्रांत है। वर्तमान में इसकी राजधानी कराची है जो 1991 से पहले पाकिस्तान की राजधानी हुआ करती थी।   सिधं मे ही सिंधु घाटी सभ्यता का विकास हुआ था। मोहनजोदडो़ ,अलिमुराद ,आमरी ,चन्हुदडो़,कोटदीजी और जूदेरजोदडो़ सिंधु घाटी सभ्यता के समय.....

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सिंध से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य